लिफ्ट मूवी

लिफ्ट मूवी रिव्यू | Lift movie review in hindi

लिफ्ट मूवी रिव्यू

लिफ्ट मूवी 2021 की तमिल भाषीय ड्रामा फिल्म हैं। इसे वीनीथ वरप्रसाद ने निर्देशित किया है। इसका हिंदी ऑडियो नहीं है। इंग्लिश सबटाइटल में उपलब्ध है। तमिल फिल्म इंडस्ट्री में अच्छी अच्छी भूतिया फिल्में बन चुकी है। लिफ्ट फिल्म मे जो नया पन है वह है कि यह एक सिंगल लोकेशन फिल्म है। यह फिल्म एक कारपोरेट बिल्डिंग के अंदर है। जिसमें एक लिफ्ट है। जो की पूरी की पूरी फिल्म उसी कारपोरेट बिल्डिंग में शूट किया गयी है। इस फिल्म की जो घटना है वह पूरे 1 दिन की घटना है। मतलब सिर्फ एक रात की घटना है। फिल्म में जो एक ऑफिस हैं वो खत्म हो जाता है तो मेन कहानी शुरू हो जाती है।

लिफ्ट मूवी
लिफ्ट मूवी

लिफ्ट मूवी का टेक्निकल पार्ट है वह बहुत ही अच्छा है। इस फिल्म के कलाकारों ने बहुत ही अच्छा काम किया है। फिल्म का मेन एक्टर है उसने जो कमाल के एक्सप्रेशन दिए है उसको देखकर लगता है कि सच में वो इंसान बहुत डरा हुआ है। बैकग्राउंड स्कोर और साउंड इस मूवी के बहुत ही बढ़िया है उसे सुनने में नयापन लगता है। इस फिल्म के जो एक या दो सीन है जो बहुत ही बढ़िया है जो कि हमारे शरीर पर रोंगटे खड़े कर देते हैं। इस फिल्म में बहुत कुछ कुछ सीन हमें रिलेटिव लगते हैं।

लिफ्ट मूवी के कहानी में बार-बार वही वही दिखाया जाता है। इस फिल्म में हॉरर फैक्टर भी बहुत कम है। फिल्म बहुत ही ज्यादा लंबी है। फिल्म आगे खींचते ही जाती है। फिल्म के आखिर में जो खुलासा होता है वह हमें फिल्म से कन्विंसिंग नहीं लगता है। यह फिल्म हमें ज्यादा डरा नहीं पाती है। फिल्म के शुरुआती में जो थोड़ी सी कॉमेडी दिखाए गए हैं। वह भी फिल्म से कनेक्ट नहीं करती। यह मूवी थोड़ी सी यूनिक लगती है। इस मूवी के जरिए डायरेक्टर साहब हमारे सामने एक कड़वे सच लाने की कोशिश करते हैं। वह क्या है यह देखने के लिए आपको मूवी को देखना पड़ेगा।

लिफ्ट मूवी कहानी और एक्सप्लेन

मूवी के शुरुआत में बिल्डिंग से गिरकर एक आदमी मर जाता है। तभी ग्राउंड फ्लोर के लिफ्ट का दरवाजा खुल जाता हैं। आगे हमें फिल्म के हीरो का इंट्रोडक्शन होता है उसका नाम है गुरुप्रसाद (कवीन) जो एक सॉफ्टवेयर एम्पलाई होता है। गुरुप्रसाद बेंगलुरु ब्रांच से ट्रांसफर होकर चेन्नई आता है। इस कंपनी का व्हीपी गुरुप्रसाद का वेलकम करता है और वह गुरुप्रसाद को एक प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी देने लगता है कि मैंने अभी-अभी एक प्रोजेक्ट की डील कर रहा हूं लेकिन टीम के सारे मेंबर निकंम्मे है इसलिए तुम्हारा यहां पर ट्रांसफर करवाया गया है। इस प्रोजेक्ट को हैंडल करने के लिए आज से इस प्रोजेक्ट के तुम टीम लीडर हो। वी पी गुरुप्रसाद का टीम के मेंबर के साथ इंट्रोडक्शन करवाता है।

उसके बाद गुरुप्रसाद एचआर से मिलने जाता है। जहां पर उसे एक लड़की नजर आती है। उस लड़की का नाम हरिणी (Amritha Aiyer) । हरिणी को देखकर गुरुप्रसाद अपनी फ्लॅशबॅक को याद करता है। कुछ महीने पहले हरिणी और गुरुप्रसाद दोनों की एक जगह पर मुलाकात होती है। उस वक्त हरणी अपना मोबाइल देकर उसका फोटो खिंचवाने के लिए गुरुप्रसाद को कहती हैं तो गुरु प्रसाद थोड़ा शरारती किस्म का होता है वह हरनी का मोबाइल पानी में डाल देता है। फ्लॅशबॅक के बाद वर्तमान में हरिणी गुरुप्रसाद को देखकर कहती हैं। नए टीम मेंबर तुम ही हो अब तुम्हें पता चलेगा एच आर का मतलब क्या होता है। यहीं पर काम करते हो ना देखो अब मैं तुम्हारा क्या हाल करूंगी। असलियत में हरिणी उस पर ऊपर ही ऊपर से गुरुप्रसाद से नफरत करती है लेकिन उसको बहुत पसंद करती हैं और दिन भर उसे देखती रहती है।

उसके बाद हरिणी गुरु प्रसाद के टीम मेंबर के पास खाना खाने के लिए बैठ जाती है। उसके बारे में जानकारी लेने के लिए। उस वक्त प्रसाद अपनी टीम मेंबर के साथ बैठने के बजाय दूसरी जगह पर बैठता है और टीवी देखता है। उस वक्त टीवी पर भूत वाला शो चल रहा होता है। टीवी में एक स्वामी जी दूसरे लोगों को कहता है कि कोई भी आत्मा सोए हुए इंसान के शरीर में घुसती नहीं हैं। जब कोई भी इंसान अपने पूरे होशो हवास में होता है तभी कोई भी आत्मा उसके शरीर में घुस सकती हैं। हरिणी के साथ बैठे हुए आदमी में एक गुरुप्रसाद के जेब में सिगरेट का पैकेट देखता है और अपने कलिगोसे से कहता है कि मैं स्मोकिंग के बहाने से अपनी टीम लीडर यानी गुरु प्रसाद से दोस्ती कर लेता हूं। उसके बाद वो गुरुप्रसाद के पास जाकर कहता है कि हम लंच के बाद स्मोकिंग कर सकते हैं क्या? गुरु प्रसाद के पास सिगरेट का पैकेट होने के बावजूद भी वह उसे कहता है कि मैं स्मोक और ड्रिंक नहीं करता तुम यहां से चले जाओ।

लिफ्ट मुवी में दोपहर के खाने के बाद हरिणी डॉक्यूमेंट रूम में जाकर कुछ डॉक्यूमेंट की प्रिंट निकालने लगती है। हरिणी अपना मोबाइल लेकर सेल्फी खींचने लगती है लेकिन मोबाइल उसका फेस डिटेक्ट करने के बजाय किसी और का फेस डिटेक्ट करने लगता है। हरणी को उसके बारे में कुछ भी समझ नहीं आता ऐसा क्या हो रहा है। लेकिन उसी वक्त वहां पर गुरुप्रसाद आ जाता है। गुरु प्रसाद को हरणी कहती हैं। मैं तुमसे प्यार करती हूं। गुरुप्रसाद कहता है प्यार व्यार ऐसा कुछ भी मेरे जीवन में नहीं है। तुम चाहोगी तो मैं तुम्हें दीदी बुला सकता हूं। यह सुनकर हरिणी गुरु प्रसाद को एक झापड़ लगाती है और कहती है लड़कों को जैसे भाई बोलने से गुस्सा आता है। वैसे ही लड़कियों को दीदी बोलने से गुस्सा आता है।

लिफ्ट मूवी में रात होने पर सब ऑफिस से अपने घर जाने लगते हैं। तभी व्ही पी गुरुप्रसाद को कहता है कि एक प्रोजेक्ट क्लाइंट को अर्जेंट सबमिट करना है। तो गुरुप्रसाद उस प्रोजेक्ट तुरंत करने के लिए राजी होता है और वह अपनी कंपनी में अकेला बैठ कर उस प्रॉजेक्ट के काम करने लगता है। थोड़ी देर बाद वहां का वाचमैन आता है और कहता है कि मैं खाना खाने जा रहा हूं। आप नये एम्पलाई हो इसलिए आपके पास आईडी कार्ड नहीं होगा तो मेरे पास एक पुराना आईडी कार्ड है इससे सारे दरवाजे खुल जाते हैं। आईडी कार्ड दे कर ओ वाचमैन चला जाता है।

गुरुप्रसाद कॉफी कप से कॉफी पीने लगता है। इसके बाद में वह कॉफी कप अपने आप गुरूप्रसाद से दूर हो जाता है। तभी गुरुप्रसाद को एक महसूस होता है कि उसके पीछे कोई खड़ा हुआ है। तभी उसके बालों को कोई टच करता है। वह झटके से पीछे देखता है मगर पीछे कोई भी खड़ा नहीं होता इस तरह से गुरु प्रसाद के साथ दो बार होता है। गुरुप्रसाद अपना काम खत्म करके घर जाने लगता है। वह लिफ्ट के थ्रू ग्राउंड फ्लोर पर जाता है। वह लिफ्ट ग्राउंड फ्लोर पर जाने की वजह फर्स्ट फ्लोर पर रूकती है। गुरुप्रसाद फिर से ग्राउंड फ्लोर का बटन दबाता है लेकिन वह लिफ्ट अपनी जगह से हिलती भी नहीं है। उसको लगता है कि लिफ्ट में कोई खराबी हुई है और वह लिफ्ट से बाहर आता है।

तो उसको बाहर एक और वाचमैन नजर आता है। वह वाचमैन से गुरुप्रसाद बोलता है। यह लिफ्ट ग्राउंड फ्लोर पर क्यों जा नहीं रही है क्या इस बिल्डिंग में दूसरा कोई लिफ्ट नहीं है। वो वाचमैन बताता है पूरी बिल्डिंग में सिर्फ एक ही लिफ्ट है और वो लिफ्ट थोड़ी सी खराब है। तो आप ग्राउंड फ्लोर का बटन दबा के थोड़ी सी जंप मारे लिफ्ट शुरू हो जाएगी। ऐसा करके कह कर वो वाचमैन वहां से चला जाता है। गुरुप्रसाद लिफ्ट में आकर वाचमैन ने बताया हुआ करने लगता है तब जाकर वो लिफ्ट ग्राउंड फ्लोर पर आकर रुकती है। तब गुरुप्रसाद लिफ्ट से बाहर आकर अपनी गाड़ी लेकर एग्जिट सिंबाल को फॉलो करके बाहर निकलने लगता है लेकिन बहुत देर तक गुरु प्रसाद वहीं पर गोल-गोल घूमता रहता हैं। उस बिल्डिंग से बाहर निकल नहीं पाता तभी गाड़ी से बाहर आकर फोन को ढूंढने लगता है। किसी कलीग को फोन करके एग्जिट का दरवाजा पूछने के लिए लेकिन वह अपने फोन को ऑफिस में भूल कर आया हुआ होता है।

लिफ्ट मूवी
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वह फोन लेने फिर से ऑफिस जाता है। उसके फोन पर उसके दोस्त का कॉल आता है। फोन पर बात करते हुए गुरुप्रसाद लिफ्ट की तरफ जाता है। लिफ्ट में घुसते ही वह तीसरे फ्लोर से एक आदमी अंदर घुसता है। गुरुप्रसाद फिर से फोन में बिजी रहता है फिर लिफ्ट तीसरे फ्लोर पर रूकती है तब वह उसके बाजू में देखता है तो वो आदमी गायब हूआ रहता है। गुरुप्रसाद बाहर आकर जाकर उस आदमी के ढूंढने लगता है और पूछता है कोई है उसी वक्त प्रसाद के जूतों के आवाज के साथ किसी और के चलने की आवाज आती है। वह पीछे मुड़कर देखता है। उसे पीछे एक लाइट ब्लिंक होती हुई दिखती है। अचानक उस लाइट में वह आदमी नजर आता है। गुरुप्रसाद डर के लिफ्ट में घुसता है और ग्राउंड फ्लोर का बटन दबाता है। लेकिन लिफ्ट नौवें फ्लोर पर आकर रूकती है और लिफ्ट की लाइट चली जाती है।

फिर वह टॉर्च लाइट चलाता है तभी गुरुप्रसाद के दोस्त का कॉल आता है। लेकिन गुरुप्रसाद कॉल उठा नहीं पाता उसका मोबाइल हैंग हो जाता है। तभी उसको महसूस होता है कि उस लिफ्ट के ऊपर कोई तो खड़ा है। तभी वो बहूत डर जाता है और मोबाइल की लाइट भी बंद हो जाती है। तभी उसको महसूस होता है कि उसके पीछे कोई तो खड़ा है। तभी उस बिल्डिंग की लाइट आ जाती है। तभी गुरुप्रसाद लिफ्ट के कोने में दो जूते देखता है और वह जूते उसके पास धीरे-धीरे आने लगते हैं। तभी नौवा फ्लोर आ जाता है और वह लिफ्ट से बाहर आकर लैंडलाइन फोन से किसी को कॉल करने की कोशिश करता है। लेकिन फोन किसी को भी कनेक्ट नहीं होता है। उसे समझ में आता है कि लिफ्ट में कुछ तो गड़बड़ है।

इस वक्त सीडीओ से जाने की कोशिश करता है। वह घूम घूम के वापस उसी जगह पर आने लगता है। वह नौवें फ्लोर से आगे जा ही नहीं पाता वह वाचमैन के पास मदद मांगने आता है और उसे अजीब नजरों से देखता है। उस वाचमैन की नाक से खून बहने लगता है। वह वाचमैन अपनी जेब से कटर निकालकर अपना गला काट लेता है और आत्महत्या कर देता है। यह देख कर डर के मारे गुरुप्रसाद ऑफिस में जाकर छुप कर बैठता है।

तभी डॉक्यूमेंट रूम से दरवाजा खटखटाने की आवाज आने लगती है। वह हिम्मत जुटाकर दरवाजे के पास जाता है। दरवाजा खोलने के बाद उसमें से बाहर हरिणी आती है। हरिणी को लगता है कि उसे गुरुप्रसाद नेही रूम में बंद कर दिया है क्योंकि गुरु प्रसाद हरनी से बदला ले सके। गुरुप्रसाद सारी सच्चाई हरिणी को बताने की कोशिश करता है। लेकिन हरिणी गुरुप्रसाद की एक भी नहीं सुनती और उसको डांट कर लिफ्ट में चली जाती है। वह भी हरिणी के पीछे पीछे चला जाता है। हरनी जब ग्राउंड फ्लोर का बटन दबा दी है। तो लिफ्ट सेकंड फ्लोर पर आकर रूकती है। लेकिन वह लिफ्ट वहीं पर खड़ी रहती है। हरिणी परेशान होकर सीडीओ से जाने लगती है। हरिणी घूम फिर के प्रसाद के पास ही आती है। गुरुप्रसाद लिफ्ट के पास ही खड़ा रहता है। हरिणी दोबारा गुरुप्रसाद के पास ही आती है। यह देखकर हरणी के होश उड़ जाते हैं। यह देख के गुरुप्रसाद हरिणी को समझाने की कोशिश करता है कि मैं तुम्हें यही बताने की कोशिश कर रहा था।

यह सब सुनने के बाद हरिणी उसके कहती है छठे फ्लोर पर एक और वाचमैन है। हम उससे जाकर मिल सकते हैं। वह लिफ्ट छटे फ्लोर पर जाने की बजाए ऊपर जाने लगती है तभी लिफ्ट में हरिणी कुछ ड्रॉ करके येस और नो लिखती है। बीच में एक पेन्सिल रख के कहने लगती है चार्ली चार्ली आर यू देयर गुरुप्रसाद पूछता है यह तुम क्या कर रही हो तब हरिणी बताती हैं हम जब हॉस्टल में थे तब ए गेम खेला करते थे। गुरु प्रसाद को बताने के बाद हरनी दोबारा कहती है। ए कहने के बाद लिफ्ट जोर से इधर-उधर हिलने लगती है। उस सर्कल में जो पेंसिल होती है येस की तरफ जाने लगती है और ऑडिटर पर आकर रूकती है। गुरु प्रसाद और हरिणी लिफ्ट से बाहर आते हैं और वह देखते हैं कि उनकी सारी की सारी चीजें अपने आप हील रही है। उस रूम में एक झेराक्स मशीन होती है और अपने आप कुछ कागज प्रिंट करके डालती है। उस पेपर पर लिखा होता है। मुझे पता है तुम लोग छूप रहे हो। यह देख कर वह दोनों घबरा जाते हैं। वहां से बाहर जाने की कोशिश करने लगते हैं।

तभी उस फ्लोर का वॉचमैन उनसे टकरा जाता है। गुरुप्रसाद उसे सब बताने की कोशिश करता है। लेकिन गुरु प्रसाद को वो वाचमैन आईडी कार्ड पूछता है। लेकिन उसका अभी तक आईडी कार्ड नहीं आया हुआ होता हैं। तो वो वाचमैन उस पर ब्लेम करने लगता है। वह वाचमैन उन दोनों को वहीं पर बिठाकर सीसीटीवी चेक करने वहां से चला जाता है। बहुत देर होने के बावजूद भी वह वाचमैन बाहर नहीं आता तब प्रसाद और हरिनी यह दोनों उस वाचमैन कि रुम में जाते हैं। तो यह दोनों देखते हैं वह वाचमैन अपने आप को फासी लगा लेता है और गुरुप्रसाद व वाचमैन के हाथ में आपातकालीन दरवाजे की चाबियां देखता है और उन चाबियों को लेकर दोनों भागने लगते हैं। इन दोनों को डार्क रूम से भागना पड़ता है।

भागकर वो दोनों उस रूम से बाहर आते है लेकिन गुरुप्रसाद के बगल में हरिनी नहीं होती। वह बहुत देर तक इधर-उधर हरिणी को ढूंढता रहता है। एक रूम में उसे हरिणी मिल जाती है। वह खिड़की के पास खड़ी हुई रहती है और रोते हुए कहती हैं की वो आत्मा और वाचमैन की तरह उन दोनों को भी मार देगी ऐसा कहके हरिनी उस खिडकी से नीचे कुद जाती है और नीचे गिरकर मर जाती है। यह देखकर गुरु प्रसाद के होश उड़ जाती है। बिचारा बहुत रोने लगता है। उस दरम्यान दूसरी बाजू से हरिणी आती है और कहती है कहां चले गए थे तुम चलो यहां से भाग जाते हैं। हरिणी को जिंदा देखकर वह डर जाता है और डरते डरते खिडकी के पास जाकर नीचे लाश है कि नहीं देखता है। लेकिन नीचे कोई भी नही होता है। दोबारा यह दोनों लिफ्ट में जाकर ग्राउंड फ्लोर का बटन दबाते हैं। लेकिन लिफ्ट पांचवें फ्लोर पर जाकर रुकती है। मजबूरी में उन दोनों को पांचवे फ्लोर में आना पड़ता है।

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वहां के टीवी पर यह न्यूज़ चलने लगती है कि उनके ऑफिस में फायर एक्सीडेंट हो चुका है और उसमें गुरुप्रसाद और हरिनी की मौत हो चुकी है और एक्सीडेंट सुबह के 3:00 बजे हो रहा है। यह देखके दोनों को शौक लग जाता है। यह दोनों सोचने लगते हैं कि क्या हम दोनों मरने वाले हैं तभी गुरुप्रसाद घड़ी को देखता है उसमें 1:40 हुए रहते हैं। यह देखकर दोनों आपातकालीन द्वार की तरफ भागने लगते हैं। दरवाजा खुल नहीं रहा होता इसीलिए गुरुप्रसाद अपने हाथ में फायर स्टिंग को लेता है लेकिन तभी वहां से दरवाजा गायब हो जाता है। तब वह दोनों दूसरा कोई दरवाजा है क्या यह देखते हुए रहते हैं। उन दोनों कुछ भी समझ नहीं आता कहा जाए किस तरफ जाए बिचारे यह दोनों थक हार कर एक जगह पर बैठ जाते हैं।

तभी हरनी कहती है। आज मेरा जन्मदिन है और आज ही मेरे साथ ऐसा होना था तभी गुरुप्रसाद अपनी जेब से लाइटर निकाल कर उसे जलाकर हैप्पी बर्थडे का गाना गाने लगता है और हरिणी को फूंक मारने के लिए कहता है। हरिणी की भूख ना मारने की वजह से वह आत्मा फूंक मार के लाइटर को बुझा देती है। उसी तरह वहां की लाइट भी चली जाती है। गुरुप्रसाद दोबारा से लाइटर को जलाकर हरनी को ढूंढने लग जाता है। हरिणी किसी और जगह पर उल्टा लटकी हुई होती है। गुरुप्रसाद तुरंत हाथ में ब्लेड लेकर उस आत्मा को कहता है कि उसे छोड़ दो वरना मैं सुसाइड कर लूंगा। तब वह आत्मा हरिनी को छोड़ देती है। दोबारा यह दोनों लिफ्ट की तरफ भागने लग जाती है तभी अंजने में गुरुप्रसाद के हाथ में वही ब्लेड आ जाती है और ना चाहते हुए भी गुरुप्रसाद हरिणी को मारने की कोशिश करता है। वहीं दूसरी तरफ प्रसाद अपने हाथ को रोकने की कोशिश करता है। थोड़ी देर बाद गुरुप्रसाद हाथों से खुद को मारने की कोशिश करता है। उसी दरमियान ओ लिफ्ट सेकंड फ्लोर पर जगह रूकती है। वह दोनों तूरंत उस लिफ्ट से बाहर आ जाते है।

लिफ्ट मूवी में आगे यह होता है कि यह सारी प्रोसेस देखने के बाद गुरुप्रसाद को समझ में आता है कि वे लिफ्ट हर बार एक ही फ्लोर पर जाकर रुकती है अगर हमने दोबारा उसी फ्लोर पर जाने की कोशिश की तो वे दोबारा उसी फ्लोर पर नहीं जाती लेकिन यह लिफ्ट बार-बार नौवें फ्लोर पर जाती है इसका मतलब हमारे ऑफिस का और इस आत्मा का कोई ना कोई आपस में कनेक्शन जरूर है। गुरु प्रसाद हरिणी को पूछता है कि हमारे ऑफिस मे कुछ हादसा हुआ था। हरणी कहने लगते हैं मुझे भी नहीं पता वह कहते हैं कि मैं इस ऑफिस में एक हफ्ते पहले जॉइन हुई हूं। अच्छा तो मुझे तुम यह बताओ कि उस डॉक्यूमेंट रूम में तुम कैसे फंस गई। हरिणी बताती है कि मैं जब डॉक्यूमेंट रूम में थी तब व्ही पी ने मुझे दो फाइल्स के नाम बताया और दोनों फाईलों को डिस्ट्रॉय करने के लिए कहा मैंने एक फाइल को लेकर फाड़ दिया मैं जब दूसरी फाइल को ढूंढ रही थी तभी उस रूम का दरवाजा अपने आप बंद हो गया और मैं वहां पर बेहोश हो गई। प्रसाद कहने लगता है उस आत्मा का और इस फाइल का कोई ना कोई कनेक्शन जरूर है। इसीलिए उस आत्मा ने उस फाइल को डिस्ट्रॉय करने नहीं दिया। इस तरह से वह दोनों उस दूसरी फाइल को ढूंढने लगते हैं। फाइनली उन दोनों को फाइल मिल जाती है।

उस फाइल में एक एफ आय आर कॉपी होती है। उसके एफ आय आर में लिखा होता है लास्ट मंथ उस ऑफिस में एक हादसे की वजह से एक एम्पलाई की मौत हो गई और वह मरने वाले का नाम है सुंदर। सुंदर उस ऑफिस में टीम लीडर का काम कर रहा था। यह देखने के बाद गुरुप्रसाद को समझ में आता है। कि सुंदर की प्लेस में प्रसाद आया इसीलिए वह वाचमैन गुरुप्रसाद को सुंदर का आईडी कार्ड दिया था। खैर प्रसाद हरणी को लेकर से सीसीटीवी कंट्रोल रूम में जाता है और उसे कहता है। इसी सीसीटीवी कैमरा में देख कर मुझे वॉकीटॉकी से रास्ता बताते रहना मैं बाहर जाकर इमरजेंसी डोर को ढूंढ लूंगा। अगर तुम को इस कैमरा में भूत दिखा आत्मा दिखी तो मुझे बताना। इस तरह से कहकर गुरुप्रसाद वहां से बाहर जाता है। हरिणी वाकीटाकी से गुरुप्रसाद को रास्ता बताती रहती है और तभी सीसीटीवी कैमरा मे हरिणी को एक भुत नजर आता है। एक काली परछाई और इत्तेफाक से वहीं पर गुरु प्रसाद भी होता है। हरिनी गुरुप्रसाद को बताती हैं। वह आत्मा बिल्कुल तुम्हारे पीछे है तुम कहीं जाकर छुप जाओ। बिचारा गुरुप्रसाद दूसरी जगह पर छुप जाता है और वह आत्मा धीरे-धीरे गुरु प्रसाद की तरफ बढ़ने लगती है। गुरुप्रसाद हरणी से कहता है तुम चार्ली चार्ली का गेम खेलो। हरणी तूरंत उस डायग्राम को बनाकर के चार्ली चार्ली आर यू देयर कहती है।

लिफ्ट  मूवी में आगे ऐसा कहते ही वह आत्मा हरिनी के रूम में आ जाती है और कंट्रोल रूम से सारे मॉनिटर में हरनी ही दिखने लगती है। आत्मा को फाईंड आउट करने के लिए हरिनी अपना मोबाइल लेकर उसे ढूंढने लगती हैं। तभी वह आत्मा कभी इधर होती है। तो कभी उधर होती है। एक आदमी दरवाजा खोलकर हरिनी के पास आता है। हरिणी ने बिना सोचे समझे उस आदमी का गला काट देती है। वह आदमी दूसरा कोई नहीं गुरुप्रसाद होता है गला काटने के बाद गुरुप्रसाद की मौत हो जाती है। तभी असली गुरुप्रसाद हरिणी के पास आता है। गुरुप्रसाद को देखने के बाद हरिणी नीचे फर्श पर देखती है। तो वहां पर किसीकी भी लाश नहीं होती है। उसके बाद गुरुप्रसाद और हरिणी उस रूम से बाहर भागने लगते हैं। थोड़े आगे आने के बाद हरणी के शरीर में आत्मा घुस जाती है। कुछ अजीब सी हरकतें करते हुए डॉक्यूमेंट रूम में जाने लग जाती है। हरिनी को रोकने के लिए गुरुप्रसाद हरिणी के हाथ बांध देता है। हरिनी के अंदर की आत्मा कहने लगती हैं तुम लोग मुझ से बच नहीं सकते तुम दोनों फायर एक्सीडेंट में मरने वाले हो। ऐसा कहते हुए आत्मा हंसने लगती है।

तभी सीन थोड़ा सा फ्लैशबैक में जाने लगता है। जब गुरुप्रसाद एग्जिट दरवाजे के बाहर आया था तब मौका देकर गुरुप्रसाद कुछ बींस बैग को लिफ्ट में रखता है। वह लिफ्ट के ऊपर चढ़कर लिफ्ट के सारे के सारे तार काट देता है शिवाय एक तार गुरुप्रसाद ने वैसा ही रखा था क्योंकि ऐसा क्यों किया था आपको आगे पता चलेगा। वर्तमान के सीन मे प्रसाद गांजा फुंकने लगता है और उस गांजे का धुआं प्रसाद हरिणी पर फुंकने लगता है क्योंकि सुबह टीवी पर उसने देखा था बेहोश हुए आदमी पर आत्मा हमला नहीं करती है। उसके शरीर के अंदर दाखिल नहीं होती है। हरिनी को बेहोश करने के लिए गुरुप्रसाद उस पर धुआं फुंकता हैं और उसे बेहोश कर देता है। गुरुप्रसाद उसी गांजे को लेकर डॉक्यूमेंट रूम में फेंक देता है और उस रूम को जला देता है। गुरुप्रसाद हरिणी को अपने कंधे पर उठाकर लिफ्ट में आता है। आने के बाद गुरुप्रसाद उस लिफ्ट में जंप लगाने लगता है। लिफ्ट की बची कुची वायर टूट जाए और लिफ्ट नीचे गिर जाए इसी दरम्यान हरिणी को होश आता है। हरिणी गुरुप्रसाद से पूछने लगती हैं कि तुम क्यों उछल रहे हो गुरुप्रसाद कहने लगता है इस बिल्डिंग में दो आत्माएं हैं एक आत्मा डॉक्युमेंट रूम में है और दूसरी आत्मा इस लिफ्ट में है और यह लिफ्ट भी ब्लास्ट हो जाए तो हम इस आत्मा से छुटकारा पा सकते हैं। इसीलिए तुम भी उछलो यह सुनकर हरिणी और प्रसाद दोनों उस लिफ्ट में उछलने लगते हैं उसी दरम्यान उस लिफ्ट की तार टूट कर नीचे गिरने लगती है। उस हादसे की वजह से हरिणी को कुछ नहीं होता लेकिन गुरुप्रसाद ज्यादा जख्मी हो जाता है। गुरुप्रसाद बेहोश हो जाता है इसी बेहोशी की हालत में वह आत्मा गुरु प्रसाद को अपना फ्लॅशबॅक दिखाने लग जाती है।

लिफ्ट मूवी में कुछ दिन पहले उस ऑफिस में तारा और सुंदर नाम के दो एम्पलाई काम किया करते थे वह दोनों एक दूसरे से बहुत ज्यादा प्यार करते थे। इन दोनों की शादी तय हो जाती है यह दोनों ऑफिस आकर अपनी शादी का कार्ड बांटने लगते हैं। तभी उस कंपनी का व्ही पी सुंदर को वहां बुलाकर यह कहने लगता है कि मेरे पास तुम्हारे लिए एक अच्छी खबर और एक बुरी खबर है। पहली बैड न्यूज़ है कि तुम्हें जॉब से निकाला गया है। सुंदर व्हीपी से पूछता है कि इसकी क्या वजह है। मैंने इन टाइम अपना प्रोजेक्ट सबमिट कर दिया था। मैंने और मेरी टीम ने दिन रात मेहनत करके इस प्रोजेक्ट को पूरा किया है। ऐसे कैसे कंपनी मुझे निकाल सकती है। ऐसा कह के सुंदर उस व्हीपीसी झगड़ने लगता है। तभी उसे ब्लैक लिस्ट में रखकर कहता है गुड न्यूज़ यह है कि तुम्हारा प्रोजेक्ट एक्सेप्ट हो चुका है और एक्चुअली ओ व्हीपी प्रोजेक्ट अपनों का क्रेडिट अपने ऊपर लेना चाहता है। इसलिए सुंदर को जॉब से निकलना चाहता है। सुंदर दुखी होकर तारा के पास आकर उसे यह बात बताने लगता है कि उसने मुझे धोखा दिया उस प्रोजेक्ट का सारा क्रेडिट वो लेना चाहता है। तारा सुंदर को बहुत समझाने लगती है। इसका हम कोई ना कोई सलूशन निकाल लेंगे लेकिन सुंदर रोते हुए उस लिफ्ट में जाकर अपना गला काटकर सुसाइड कर देता है।

लिफ्ट मूवी में आगे तभी वह वाचमैन सूंदर की लाश को देखकर व्ही पी को इन्फॉर्म कर देता है। तभी व्हीपी वॉचमैन को कहता है कि सुसाइड को एक्सीडेंट का रूप दे दो। तब वह वाचमैन उसी तरह से करता है पुलिस स्टेशन में यह साबित होता है कि वह सूसाइड नहीं एक्सीडेंट है। इन रिपोर्ट को देखकर तारा व्हीपी से पूछने लगती है कि सुंदर तो सुसाइड कर के मर गया एक्सीडेंट कहां से हुआ है। तुमने अपने आप को और कंपनी को बचाने के लिए ऐसी रिपोर्ट बनाई। वैसे तो सुंदर का हॉस्पिटल में ट्रीटमेंट हो रहा है ना पहले उसे होश में आने दो तुम्हारा पर्दाफाश करेगा। यह सुनने के बाद व्ही पी तारा से कहने लगता है। एक्चुअली तारा सुंदर की मौत लिफ्ट में हो गई थी सारे लोगों को मुझे यह प्रूफ करना था कि सुंदर का एक्सीडेंट हुआ है। इसलिए मैंने सुंदर की लाश को हॉस्पिटल में रखा और उसके ट्रीटमेंट का नाटक कर रहा हूं। सुंदर कब का मर चुका है और तुम्हारी अच्छाई इसमें है कि तुम भी सुंदर को भूल जाओ और किसी दूसरे आदमी से शादी कर लो। यह सुनने के बाद बिचारी तारा बहुत रोने लगती है और उसी से कहने लगती है मैं प्रूफ करूंगी सुंदर का एक्सीडेंट नहीं सुसाइड हुई है ऐसा कह कर तारा व्ही पी से वह फाइल लेकर दूर भागने लगती है। वह व्हीपी वाचमैन फोन लगा कर के तारा को पकड़ने के लिए कहता है। तो तारा डॉक्यूमेंट रूम मे जाकर छुप जाती है उसी रुम मे तारा उस फाइल को कहीं पर छुपा देती है और अपने आप को फांसी लगाकर मर जाता हैं

लिफ्ट मूवी
लिफ्ट मूवी

लिफ्ट मूवी में आगे वह व्हीपी उन दोनों वाचमैन से कहता हैं कि तुम तारा का भी एक्सीडेंट दिखाओ। तब वह वाचमैन तारा की लाश को ऊपर से नीचे गिरा देता है और यही सीन मूवी के शुरुआत में दिखाया गया था। तभी फाइनली गुरुप्रसाद को होश आ जाता है क्योंकि हरिनी ने एंबुलेंस को कॉल किया था उसके बाद निर्देशक साहब हमारे सामने कुछ रियल इंटीडंस हमारे सामने रखते हैं। बहुत सारे सॉफ्टवेयर एम्पलाई कंपनी के प्रेशर की वजह से सुसाइट कर लेते हैं और इसके काफी सारी वीडियोस भी लिक हुए हैं। कोई फांसी लगाकर मर गया कोई बिल्डिंग से कूदकर मर गया। हर 1 साल तकरीबन 318 प्लस की मौत होती है सुसाइट के कारण सके बाद गुरु प्रसाद हॉस्पिटल में ट्रीटमेंट ले रहा होता है। तभी एक नया व्हीपी आता है गुरुप्रसाद से कहने लगता है कि मेरा नाम हरि है मैं तुम्हारी कंपनी का नया व्हीपी हू और गुरुप्रसाद तुम फिकर ना करो तुम्हारी ट्रीटमेंट का सारा खर्चा कंपनी उठाएगी बस तुमको पुलिस के सामने यह कहना होगा कंपनी में फायर एक्सीडेंट की वजह से यह हादसे हुए हैं। अगर तुमने ऐसा नहीं किया तो तुम जॉब मे नहीं रहोगे। गुरुप्रसाद कहने लगता है अगर तुमने मुझे ब्लैक लिस्ट में रखा तो कोई फर्क नहीं पड़ता मैं एक छोटा सा दुकान चला कर भी मैं अपना गुजारा कर लूंगा। मैं दूसरों के साथ ऐसा हरगिज होने नहीं दूंगा और यहां से दफा हो जाओ। तभी एक पुलिस ऑफिसर गुरुप्रसाद के पास आता है और तारा की फाइल को गुरु प्रसाद उस पुलिस ऑफिसर को देता है। उसके बाद वह पुलिस ऑफिसर गुरुप्रसाद से कहने लगता है तुम्हारे ऑफिस में तीन डेड बॉडीज को पाया गए हैं। तब गुरुप्रसाद कहने लगता है कि तीन कैसे सिर्फ दो ही ना दो वाचमैन मरे हैं। तब उसके बाद में हमें पता लगता है जब वह व्हीपी अपना काम खत्म करके अपने घर जा रहा था। तब वह दो आत्माएं उस व्हीपी को भी मार देते हैं। तो इस तरह  लिफ्ट मूवी यहां पर दी एंड हो जाती है।

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