एनाबेले राठौर(सेतूपति) मूवी रिव्यू इन हिंदी | Annabelle rathore(sethupathi) movie review in hindi
एनाबेले राठौर(सेतूपति) तमिल भाषीय कॉमेडी हॉरर फिल्म है। इसे दीपक सुंदरराजन ने निर्देशित किया है। यह फिल्म 17 सितंबर 2021 को डिजनी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हुई है। यह फिल्म तमिल के साथ-साथ तेलुगु, मलयालम, कनाडा और हिंदी में डब किया गया है। इसका साउथ भाषाओं मे एनाबेले सेतूपति नाम है और हिंदी में इसका नाम एनाबेले राठौड़ है। इसमें लीड रोल में विजय सेतूपति और तापसी पन्नू है।
एनाबेले राठौर(सेतूपति) मूवी रिव्यू – इस फिल्म में जबरदस्तीसै हसीं क्रियेट करने की कोशिश की गई हैं।आपको यह मूवी देखते वक्त हसीं आती नहीं हैं। कुछ एक दो सीन में हमें थोड़ी सी हंसी आती है। इस फिल्म का एकमात्र पॉजिटिव प्वाइंट वह है इसका दिखाया गया रोमांटिक भाग सेकंड हाफ में जो विजय सेतुपति और तापसी पन्नू की जो लव स्टोरी दिखाएं है वह अच्छी है। यही एक चीज है जिसे देखने के लिए मजा आता है। अदर वाइज कॉमेडी फिल्म के तौर पर यह मूवी कहीं पर भी हमें इंप्रेस नहीं कर पाती है। जब एक हॉरर कॉमेडी फिल्म के रोमांटिक हिस्से को आप इंप्रेस करने लगे तो ओ जो फिल्म है अपने आप ही फेल साबित होती है। फिल्म में हमें कुछ गाने भी सुनने को मिलते हैं और ओ ठीक-ठाक है। हल्का जो सेट डिजाइन है वह देखने में बढ़िया है। लोकेशन अच्छे हैं।
वैसे तो सेतुपति का स्क्रीन टाइम बहुत ही कम है मगर उन्होंने कम टाइम में अच्छा काम किया है। उनके जितने भी सींस आपको देखने को मिलते हैं जो डायलॉग सुनने को मिलते हैं और जिस तरह से उस केरेक्टर को लिखा गया है ओ छोटे से रोल में भी काफी डिसेंट लगे हैं। तापसी पन्नू ने भी अपना रोल ठीक-ठाक निभाया है। उनके एक्टिंग रोमांटिक और विजय के साथ वाले सींस में बढ़िया लगती है। तापसी का कॉमिक टाइमिंग इतना खास नहीं लगता है। फिल्म में ८०% के हिस्से में तापसी होने के बाद भी हमें हंसाने में हो नाकामयाब ही होती है। यह कॉमेडी और भूतीया फिल्म ना होते हुए रोमांटिक फिल्म होती तो बहुत अच्छा होता। यह एक साफ-सुथरी फैमिली फिल्म है इसे आप फैमिली के साथ देख सकते हैं।
एनाबेले राठौर(सेतूपति) मूवी कहाणी और Explain – कहानी के शुरुआत में हमें एक दृश्य मे काधीरेसन(जगपति बाबू) एक जमींदार होता है। वह राठौर द्वारा बनाए गए महल का दौरा करता है और उसे बनाने वाले 8 राजशिल्पीओं को हो महल के बारे में पूछताछ करता है और महल के अंदर जाकर उसकी विशेषताएं देखता है। यह देख कर उसकी आंखें फटी की फटी रह जाती
कहानी में आगे एक चोर परिवार होता है उसमें रुद्रा(तापसी पन्नू) नाम की लड़की होती है। उसके साथ उसकी मां(राधिका शरद कुमार) उसके पिता और उसका भाई होता है यह लोग एक ट्रेन में लूटपाट कर रहे होते है। काधीरेसन चाहता है कि महल उसका हो जाए।
महल में अंत तीन लोग दिखाए गए हैं। वह माता-पिता और उनकी एक जवान बेटी ये तीनों महल में पकाए गया खाना खा कर मर जाते हैं और भूत बन जाते हैं। बाद में उन्हें पता चलता है कि उनके सारे रिश्तेदार यहां पर भूत बनकर सालों से रह रहे हैं। उनमें शामिल हो जाते हैं। महल मे एक रसोईया शणमुगम(योगी बाबू) होता है। वह जो खाना पका रहा होता है वह खाना जो भी पूर्णिमा को खाता है उसी रात मर जाता है। शणमुगम भी भूत ही होता है। बाद में भूतों के पूरे परिवार को पता चलता है कि जो व्यक्ति शणमुगम का पकाया हुआ खाना खाने के बाद भी जीवित रहेगा वही उन सब को मुक्ति दिला सकता है। महल एक तरह से शापित महल कहलाता है। वहां पर कोई लोग रहने के लिए तैयार नहीं होते हैं। वहां पर कोई भी पैर रखने के लिए तैयार नहीं होता है।
फिल्म में एक पुलिस निरीक्षक दिखाया गया है। जिसके कब्जे में महल होता है। ओ रुद्रा और उसके परिवार को एक चोरी के मामले में पकड़ता है। रुद्रा और उनका परिवार उस चोरी से बाहर निकलने के लिए रुद्रा खुद का व्यवसाय क्लीनिंग का बताती है। पुलिस रुद्रा को कहता है कि वह जाकर महल की साफ सफाई कर दे। उसके बाद वह उसे और उसके परिवार को केस से बाहर निकालेगा। वो एक भूत महल है इस बात से अनजान रुद्रा इस बात के लिए राजी हो जाती है।
रुद्रा और उसका परिवार महल में जाता है। महल में जाने के बाद वह महल सब कीमती सामान चोरी कर के भागने क प्लान बनाते हैं। लेकिन महल में कुछ ऐसी विचित्र घटनाएं देखके सब डर जाते है। रुद्रा का परिवार भूतों के डर से महल से भागने की तैयारी करते हैं। रूद्रा महल देखके मंत्रमुग्ध हो जाती हैं और वह भूतों को मुक्ति दिलाने के लिए उनकी मदद करने का तय करती है लेकिन इसके बदले उसे महल को हथियाने में भूतों को उसकी मदद करनी पड़ेगी।
रुद्रा को महल में देखते ही काधीरेसन घबरा जाता है और चुपके से उसका पीछा करने के लिए अपना एकांत तोड़ देता है लेकिन फिर भी वह अपने परिवार से अलग सा रहता है। पुर्णिमा के दिन अपने डर को और महल से भूत भगाने के लिए रुद्रा का परिवार मंदिर जाकर पूजा करने की सोचता है। रुद्रा को अकेले महल में छोड़कर उसका परिवार मंदिर जाता है। मंदिर जाने से पहले रुद्रा की मां उसके लिए खाना बनाती है। खाने में शणमुगम ने जहर मिलाया हुआ होता है।
वह खाना खाके रुद्रा सो जाती है। उसके बाद सभी भूत उसके पास आकर मर गए हैं या जीवित है इसका बेसब्री से इंतजार करते हैं। तब रुद्रा जाग जाती है तो अपने आसपास वह भुतो को देख डर जाती है और उन पर अपना गुस्सा हो जाती है। यह देखकर भूतों को यह लगता है कि वह भी बाकीओं की तरह है मर गई हैं। उतने में ही शणमुगम रुद्रा से पूछता है कि वह उसे पहचानती है क्या उधर रुद्रा के परिवार को मंदिर से पता चलता है कि वह महल शापित है। तो वह रुद्रा को चिंता से महल में आ जाते हैं।
रूद्रा का परिवार महल मे रूद्रा से बातचीत करता है। तो भूतों को पता चलता है कि रुद्रा आखिरकार जिंदा है। वह उनका जहर खाकर भी जिंदा है। शनमुगम को रुद्रा पहचानने से इंकार कर देती है। इससे नाराज हो के वह उसे एक गुप्त कमरे में ले जाता है। उस गुप्त कमरे को शणमुगम रुद्रा का शयनकक्ष है ऐसा बताता है। शयन कक्ष में एक शादी का पोशाक है। वह भी रुद्रा का है ऐसा वह बताता है और वह रुद्रा ने अपने शादी के लिए दिन पहना था।
उसके बाद १९४० के दशक की एक महिला की तस्वीर रुद्रा को शणमुगम दिखाता है और उससे वह हुबहू मिलती है। शणमुगम रुद्रा को एक शूरवीर राजा वीर राठौर(विजय सेतुपति) की कहानी सुनाता है कि जिस ने अपनी प्यारी और खूबसूरत रानी एनाबेले(तापसी पन्नू) के लिए यह महल का निर्माण किया था। उनके प्रेम का प्रतीक यह महल था राठौड़ और एनाबेले अपने महल में हंसी खुशी से रह रहे थे। लेकिन काधीरेसन उस महल का लालच करने लगता है। राठौर और उस महल को बेचने से मना कर देता है। महल हासिल करने के लिए काधीरेसन रुद्रा और राठौड़ को जहर दे देता है। एनाबेले काधीरेसन से बदला लेने की शपथ ले लेती है। उस वक्त एनाबेले गर्भवती होती है।
यह युगल का रसोईया शनमुगम होता है। राठौर और रुद्रा को मरते हुए ओ देखता है और वो काधीरेसन से बदला लेने की सोचता है। काधीरेसन का परिवार महल में रहने आता है। उनके परिवार को खाना शणमुगम बनाता है और उसमें वह जहर डाल देता है। काधीरेसन शणमुगम को पहले खाना खाने के लिए कहता है क्योंकि शणमुगम राठौड़ और एनाबेले का वफादार होता है।
अगली सुबह शनमुगम,काधीरेसन और उसका परिवार मर जाते है। काधीरेसन का एक पोता सिर्फ इससे बचता है। तब से उस महल में जो भी रहने के लिए आता है। शनमुगम उन्हें जहर देके मारने लगता है। जो उससे बचा हुआ होता है उसका पोता शिव पुलिस निरीक्षक होता है। उसने रुद्रा और उसके परिवार को महल में लाया शणमुगम रुद्रा कोई एक कहानी बता रहा होता है। लेकिन पीछे से रुद्रा चली गई होती है
वह पुलिस गुंडों के साथ आता है। रुद्रा के परिवार को बचा हुआ देखकर उसके परिवार को महल से बाहर निकलने की कोशिश करता है। रुद्रा भूतों को निरीक्षक को दूर भेजने में उनकी सहायता करने के लिए मनाने की कोशिश करती है लेकिन सारे भूत अपनी रहस्यमई शक्ति जिससे वह किसी को भी छूने की शक्ति को खो देते हैं। जब वहां पर कहर बरसाने की कोशिश करते हैं। उसमें वह सब असफल होते हैं।
एक रहस्यमय ताकत पुलिस और गुंडों को महल से के बाहर निकाल लेती हैं। सारे भूत यह देखकर आश्चर्यचकित हो जाते हैं। इस सबके बीच में शणमुगम रुद्रा को यह समझने का प्रयास करता है कि ऐनाबेले का पुनर्जन्म ही रुद्रा है लेकिन रुद्रा उस पर विश्वास नहीं करती और सब को डराने के लिए ऐनाबेले के शादी के पोशाक को पहनती है। रुद्रा और शनमुगम के सारे बातचीत को भूत सुन लेते हैं और शणमुगम पर गुस्सा हो जाते हैं क्योंकि उन्हें पता चलता है कि उन्हें जहर शणमुगम ने ही दिया था। बाद में यह सब तय करते हैं कि काधीरेसन गलत था तो रूद्रा को महल को देने का फैसला करते हैं। ऐसा करने से और सब को मुक्ति मिल जाएगी।
काधीरेसन और उसके पर पोते फिर से वापस आते हैं। पर पोता ऐनाबेले के कपड़े पहने हुए रुद्रा को देख कर हैरान हो जाता है क्योंकि रुद्रा एनाबेले जैसे दिखती हैं। ओ उसपर महल हतीयाने का आरोप लगाता है और अपने दादा के साथ उसे मारने की योजना बनाता है। रुद्रा का परिवार गुंडों से बचने का प्रयास करता है। भूतों से मदद मांगता है लेकिन अभी भी भूतों के पास शक्ति नहीं होती है। जब गुंडे रुद्रा को पकड़ लेते हैं तब सारे भूत एक साथ मिलकर एक शक्ति निर्माण करते हैं और उससे रुद्रा को बचाते हैं।
एक कार महल के बाहर आकर रुकती हैं। उस कार से एक आदमी बाहर पैर रखता है। काधीरेसन के परिवार को एक रहस्यमई शक्ति की अनुभूति होती है और उन सब को मुक्ति मिल जाती है। काधीरेसन का पोता रुद्रा को फिर से मारने का प्रयास करता है लेकिन एक सरकारी अधिकारी(विजय सेतुपति) उसे रोकता है जो हो वह भी राठौड़ जैसा दिखता है और रुद्रा का परिवार और काधीरेसन का पोता दोनों यह कहते हैं कि वह महल के मालिक है लेकिन सरकारी अधिकारी कहता है कि महल को सरकार एक स्मारक के रूप में रखना चाहते हैं।
सरकारी अधिकारी पहली नजर में रुद्रा को देखकर प्यार में पड़ जाता है और शादी का प्रस्ताव देता है रुद्रा उसे मुस्कुराते हुए हामी भरती हैं। लेकिन काधीरेसन ऐसे ही महल में कैद रहता है और यहां पर फिल्म समाप्त हो जाती है। फिल्म के आखिर में इसका दूसरा पार्ट भी आएगा ऐसा लिखा हुआ आता है।
- फिल्म – एनाबेले राठौर(सेतूपती)
- निर्देशक,लेखक – दिपक सुंदरराजन
- भाषा – तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड, हिंदी
- निर्माता – सुधान सुंदरम,जी.जयाराम
- सिनेमेटोग्राफेर – गौतम जाज
- ईडीटर – प्रदिप राघव
- संगीत – क्रिशना कीशोर
- रीलीज डेट – १७ सप्टेंबर २०२१
- रनिंग टाईम – १३५ मिनिट
- गीतकार – विवेक, उमा देवी, कु.कार्तिक
- कलाकार – विजय सेतूपती,तापसी पन्नू,जगपती बाबू,राजेंद्र प्रसाद,राधिका, योगी बाबू,वेन्नला कीशोर,सुब्बु पंचु,सुरेश चंद्रा मेनन,जाज मरयन,जांगीरी मधूमिता,चेतन,देवदर्शिनी
विजय सेतूपती की आनेवाले फिल्में –
- 19 (1) (a) (Malayalam)
- Kadaisi vivasayi (Tamil)
- Maamanithan (Tamil)
- Yaadhum oore yaavarum kelir (Tamil)
- Mugiz (Tamil)
- Kaathu vaakula rendu kaadhal (Tamil)
- VJS46 (Tamil)
- Viduthalai (Tamil)
- Vikram (Tamil)
- Gandhi Talks (Silent)
- Mumbaikar (Hindi)
- Mery christmas (Hindi)
- Fakes(Hindi web series)
तापसी पन्नू की आनेवाली फिल्में –
- Rashmi rocket (Hindi)
- Looop lapeta (Hindi)
- Jana gana mana (Tamil)
- Dobaaraa (Hindi)
- Alien (Tamil)
- Shabaash mithu (Hindi)
- Mission emposible(Telugu)
- Blurr (Hindi)
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