पुष्पा पोस्टर

पुष्पा : द राईज़ मूवी रीव्यू | Pushpa : The Rise movie review

पुष्पा : द राईज़ पार्ट -1 यह 2021 की भारतीय तेलुगू भाषा की एक्शन ड्रामा फिल्म हैं। जो 17 दिसंबर 2021 को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई है। इस फिल्म में अल्लू अर्जुन, रश्मिका मंदाना और फहाद फासिल मुख्य भूमिका निभा रहे है। पुष्पा का कथानक आंध्र प्रदेश के रायलसीमा क्षेत्र के पहाड़ियों में लाल चंदन की तस्करी पर आधारित है।

पुष्पा : द राईज़ पार्ट -1 मूवी रिव्यू

पुष्पा मूवी कोविड में अटक गई थी। इस मूवी का अल्लू अर्जुन के फैंस बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। वह आखिरकार प्रदर्शित हो गई है। इस मूवी के हिंदी वर्जन को बहुत ही कम शोज मिले हुए हैं। यह मूवी को तेलुगु के साथ तमिल, कन्नड़, मलयालम और हिंदी भाषा में डब करके प्रदर्शित किया गया है। यह एक पैन इंडिया फिल्म है।

पुष्पा

 यह फिल्म सिर्फ और सिर्फ स्टाइलिश स्टार अल्लू अर्जुन की पूरी तरह से है। फिल्म मैं हर तरफ सिर्फ वही दिखाई देते हैं। उन्होंने इस फिल्म में अपना परफॉर्मर्स ताबड़तोड़ दिया है। उन्होंने एक्टिंग लाजवाब की है। हमें फिल्में हर तरफ उनकी स्टाइल, बॉडी लैंग्वेज, स्वॅग  डांस, डायलॉग डिलीवरी, स्टाइलिश लुक, एक्शन सिकवेंस नजर आता है। अल्लू अर्जुन ने अपने करियर की यह सबसे बड़ी फिल्म कि है। उन्होंने उनसे उनकी पिछली फिल्मों से हटकर इस फिल्म में काम किया है और एक्टिंग पिछली फिल्म से बढ़िया कि है। उन्होंने इस फिल्म में पूरी जान लगा दी है। अल्लू अर्जुन जिनका डांस देखने में भी हमें मजा आता है। 

पुष्पा रश्मिका

फिल्म में अल्लू अर्जुन और रश्मिका की प्रेम कहानी अच्छी लगती है। उन दोनों की जोड़ी भी बढ़िया लगती है। उन दोनों ने पहली बार एक साथ काम किया है। रश्मिका मंदाना का रोल इस फिल्म में छोटा सा है। उनका रोल फिल्में नहीं भी होता तो भी इसका फर्क नहीं पड़ता। उन्हें सिर्फ ग्लैमर के लिए मूवी मे कास्ट किया गया है। उन्हें करने के लिए कोई भी काम नहीं था जितना भी रोल है वह उन्होंने अच्छे से निभाया है। उन्होंने डांस भी अच्छा किया है। रश्मिका का रोल इस फिल्म के दूसरे पार्ट में मजबूत हो सकता है।

 पुष्पा फिल्म सीरीज के मुख्य खलनायक फहाद फासिल है। जिनकी एंट्री मूवी के क्लाइमेक्स में होती है। फहाद का लुक फिल्म मे बहुत ही जबरदस्त है। उन्होंने अपने छोटे से रोल को अच्छे से निभाया है। इसके दूसरे पार्ट में फहाद फासिल और अल्लू अर्जुन दो तगड़े स्टार्स एक दूसरे के आमने सामने देखने में मजा आएगा। फहाद फासिल की यह डेब्यू फिल्म है। पुष्पा के दूसरे खलनायक सुकुमार ने अपना रोल बढ़िया निभाया है। उनका लुक फिल्म मे बहुत ही खतरनाक लगता है। उनको ऐसा किरदार निभाते हुए पहली बार देखा गया है। पुष्पा मूवी के बाकी के भी उन्होंने भी अपना काम बहुत अच्छे से निभाया है। फिल्म बहुत ही ज्यादा लंबी है। पूरी 3 घंटे की फिल्म है। उन्होंने फिल्म के सेकंड पार्ट का सिर्फ बेस तैयार किया गया है।

 यह पूरी की पूरी फिल्म बस अल्लू अर्जुन कि है। केवल और केवल आज अल्लू अर्जुन की  स्टाइल, स्वॅग, स्टाइलिश लुक, डायलॉग डिलीवरी, एक्शन, डांस। सुकूमार को अल्लू अर्जुन के फैंस क्या देखना चाहते हैं। वह ध्यान में रखकर इस फिल्म को बनाया है। इस फिल्म की कहानी से हम उतना कनेक्ट नहीं हो पाते, यह मूवी एक क्राईम थ्रिलर फिल्म है। जो क्रिमिनल के पॉइंट ऑफ व्हीव्यू से दिखाई गई है।

पुष्पा

 पैरंटल गाइडंस कि बात करें तो फिल्म को यू ए सर्टिफिकेट मिला हुआ है, इसलिए आप फैमिली के साथ इस फिल्म को देख सकते हैं। लेकिन फिल्म में बहुत सारा व्हाईलंस है। फिल्म के फस्ट हाफ में जो कॉमेडी है वह बहुत अच्छी है। मूवी का फर्स्ट हाफ बेहतरीन है। मूवी का सेकंड हाफ हमें थोड़ा सा खींचा हुआ और इतना ज्यादा मजेदार नहीं लगता। मूवी की आखिर कि शूटिंग बहुत ही ज्यादा हड़बड़ी में की गई थी कोविड की वजह से उसका इंपैक्ट हमें मूवी मैं भी दिखाई देता है। 

इस मूवी कि सिनेमेटोग्राफी बेहतरीन है। फिल्म की इडीटींग काफी खराब है। सुकुमार ने बढ़िया कहानी लिखी है, लेकिन उन्होंने सिर्फ अल्लू अर्जुन का किरदार डेवलप किया है उन्होंने बाकी के सहायक किरदारों को डेवलप किया नहीं है वो भी फिल्म पूरी 3 घंटे की होने के बावजूद भी। मूवी का संगीत बढ़ीया है,लेकिन हिंदी में गाणे मजेदार नहीं लगतें। गाणो का जो पिचरायजेशन कीया है वो बहतरिन किया है।

 पुष्पा को निर्देशित सुकुमार ने अच्छे से किया है। सुकुमार ने अल्लू अर्जुन के साथ आर्या, आर्या 2 यह सूपरहिट फिल्में बनाई है। पुष्पा का पार्श्व संगीत अच्छा है जो देवी श्री प्रसाद ने दिया है। मूवी में एक आइटम नंबर भी है जिसमैं समंथा नजर आती है। अब यह देखने में मजा आएगा कि इस मूवी के दूसरे पार्ट पुष्पा:द रूल में क्या दिखाएंगे।

 

कहानी एक्सप्लेन

पुष्पाराज (अल्लू अर्जुन) नाम का एक दिहाड़ी मजदूर है। जो लकड़ियां काटकर गाड़ी में भरने का काम करता है। वह लकड़िया लाल चंदन कि होती है जिसकी वहां पर तस्करी होती है। लाल चंदन की दुर्लभ लकडी है जो केवल आंध्र प्रदेश में चित्तूर जिले के शेषाचलम पहाड़ियों में उगती है। 

एक दिन डीएसपी गोविंदप्पा (शत्रु) जंगल में उन सब पर छापा मार देता है। तो अपनी चालाकी से जो भी स्टॉक होता है उसे पुष्पा छुपा कर फिर वापस भी ले लेता है। इस वजह से जिसने उसे नियुक्त किया है उस कौडारेड्डी (अजय घोष) का पुष्पा विश्वास हासिल कर लेता है। अपने नए विचारों और सूझबूझ की वजह से पुष्पा लाल चंदन की तस्करी में आगे बढ़ता चला जाता है और लाल चंदन तस्करी की नेटवर्क में एक प्रमुख खिलाड़ी बन जाता है।

 लाल चंदन सिंडिकेट की डीलिंग करने वाला एक बेरहम डीलर मंगलम श्रीनू (सुनिल) होता है। वह अपने 200 टन लाल चंदन के स्टाॅक को सुरक्षित करने का काम कोंडा रेड्डी को सोपता है। कोंडा रेड्डी के छोटा भाई जोली रेड्डी को उस काम के लिए अक्षम माना जाता है। इसलिए यह काम पुष्पा को सौंप दिया जाता है। गोविंदप्पा उनका स्थान ट्रैक कर लेते हैं और उन पर छापेमारी करने का प्रयास करते हैं। लाल चंदन के स्टाफ को जल्दी से ले जाने के लिए पुष्पा अपने साथी केशव को सभी अधिकारियों को रिश्वत देने और नदी के नीचे की ओर के बहाव को बांध कर रखने के लिए भेज देता है और वह इधर सभी चंदन की लकड़ी को बगल के नदी में फेंक देता है। पुष्पा की सूझबूझ से सारे लकड़िया छापेमारी से बन जाती है और इससे श्रीनू और कौडारेड्डी को राहत मिलती हैं।

 एक पार्टी के अंदर पुष्पा सुनता है कि श्रीनू लाल चंदन की लकड़ी को अधिक दर में बेचता है लेकिन मजदूरों को बहुत कम पैसे देता है तो पुष्पा ने कौडारेड्डी को उनके उचित हिस्से की मांग करने के लिए कहा लेकिन कौडारेड्डी श्रीनू के खिलाफ जाने से डरता है। इस सबके बीच पुष्पा श्रीवल्ली (रश्मिका मंधाना) से मिलता है और उसको देखते हैं उसके प्यार में पड़ जाता है। इसके बाद पुष्पा और श्रीवल्ली की सगाई तय होती है। उनकी सगाई के दिन पुष्पा का सौतेला भाई सगाई समारोह में आकर पुष्पा को अपने मरे हुए पिता का वंश लगाने से इनकार करता है सगाई में हुए मारपीट में पुष्पा की मां घायल हो जाती है। यह घटना पुष्पा को क्रोधीत कर  देती है जो उसे ऊपर उठने और कुछ कर दिखाने के लिए प्रेरित करती हैं।

 उसके अगले ही दिन पुष्पा श्रीनू से मिलता है और लाल चंदन की लकड़ी का प्रति टन 1 करोड़ रुपए की मांग अपने हिस्से के लिए करता है। श्रीनू इस दिल को ठुकराता है और उसके आदमियों को पुष्पा पर हमला करने के लिए भेजता है लेकिन पुष्पा उन सब पर हावी हो जाता है। पुष्पा फिर सीधे चेन्नई को चंदन की लकड़ी ले जाकर तस्करी करता है। जिसका भाव डेढ़ करोड़ प्रति टन होता है। यह लकड़ी बेचने का सौदा करके कोंडा और पुष्पा समान रूप से साझा करते हैं। 

जोली रेड्डी एक महिला वादी होता है। वह श्रीवल्ली के पिता को बंदी बनाता है और उसके बदले में श्रीवल्ली के साथ एक रात बिताने के लिए ब्लैकमेल करता है। यह सब जानकर पुष्पा क्रोधित होकर जोली रेड्डी पर हमला करता है जिससे वह लकवा ग्रस्त हो जाता है। कौडारेड्डी यह निष्कर्ष निकालता है कि पुष्पा ही उसकी परेशानी के लिए जिम्मेदार है। इसलिए वह पुष्पा को पकड़कर मारने के लिए जंगल में एक सुनसान जगह पर ले जाता है। हालांकि श्रीनू के आदमी उन सब पर घात लगाए बैठे रहते हैं इससे पुष्पा को पलटवार करने का मौका मिलता है और पुष्पा वहां से भाग जाता है। कोंडा झड़प में मारा जाता है लेकिन पुष्पा कौडारेड्डी के भाई जोली  रेड्डी को बचा लेता है। वह श्रीनू के साले को पकड़कर मार देता है।

रश्मिका
रश्मिका

 इसके बाद में सांसद भूमिरेड्डी सिद्धप्पा नायडू एक संघर्ष विराम की व्यवस्था करते हैं। जहां पर पुष्पा श्रीनू की रणनीति का खुलासा करता है। जो कम कीमतों के साथ सिंडीकेट को धोखा दे रहा था फिर नायडू पुष्पा को उनके सिंडिकेट का प्रबंधन करने के लिए नियुक्त करता है। कई महीने बीत जाते हैं और पुष्पा एक प्रभावशाली व्यक्ति बन जाता है।

 श्रीनू अपने साले के मौत का बदला लेने में असमर्थ हो जाता है इसके कारण उसकी पत्नी दक्षिणायनी (अनूसूया भारद्वाज) श्रीनू का गला काट कर उसे घायल कर देती है पुष्पा अपने चरम पर होता है। उसी वक्त एक क्रूर पुलिस अधिकारी भंवरसिंह शेखावत (फहाद फासिल)  जिले के एसपी के रूप में कार्यभार संभालते हैं। पुष्पा अक्सर उस से मिलता है और उसको एक करोड रुपए की रिश्वत की पेशकश करता है। हालांकि शेखावत पुष्पा और उसके आदमियों को यह कहते हुए धमकाता है कि वह एक चीज याद कर रहे हैं। वह अपने वंश के लिए पुष्पा का उपवास करता है और धमकी देता है कि अगर पुष्पा ने अपनी उंगलियां नहीं खोली तो वह हाथ गोली मार देगा। वहा भी पुष्पा मन पूर्वक उसे सर कह कर संबोधित करता है। इसका शेखावत जवाब देता है कि वह गायब था तभी से पुष्पा शेखावत के आधीन हो जाता है।

 कुछ दिनों बाद पुष्पाराज के शादी के दिन वो और शेखावत रात में एक पहाड़ी की चोटी पर शराब का सेवन कर रहे होते है तभी उनकी पहली मुलाकात में उनका उपहास कैसे हुआ इस पर अवमानना  व्यक्त करते हुए पुष्पा शेखावत की रिवाल्वर लेता है और खुद को अपने हाथों में गोली मार लेता है फिर पुष्पा शेखावत को कपड़े उतारने के लिए धमकाता है जबकि पुष्पा भी ऐसा ही करता है पुष्पा बताता है कि उसका कद फिर भी वैसा ही है जबकि शेखावत उसकी पुलिस वर्दी के बिना कुछ भी नहीं है। पुष्पा अपनी शादी के लिए आगे बढ़ता है जबकि शर्मिंदा शेखावत अपने कुत्ते को मार डालता है जो उसे नहीं पहचानता और रिश्वत के पैसे जला देता है और यहीं पर फिल्म समाप्त होती है। 

पुष्पा : द राईज़ मूवी का दूसरा भाग पुष्पा: द रूल में इस कहानी को समाप्त किया जाएगा ऐसा इस फिल्म के निर्देशक सुकुमार ने कहा

पुष्पा

  • फिल्म – पुष्पा : द राईज़
  • निर्देशक – सूकूमार
  • लेखक – सूकूमार
  • IMDB – 8.1/10
  • भाषा – तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मल्यालम, हिंदी.
  • संगीत – देवी श्री प्रसाद
  • पार्श्व संगीत – देवी श्री प्रसाद
  • रिलीज डेट – 17 दिसंबर 2021
  • रनिंग टाइम – 278 मिनट
  • बजट – ₹ 200 – 250 करोड़
  • गीतकार – चंद्रबोस (तेलुगु),विवेका (तमिल),सिजू थुरावूर (मल्यालम),वरदराज (कन्नड़),रकीब आलम (हिंदी)

 

पुष्पा : द राईज़ मूवी स्टार कास्ट

अल्लू अर्जुन (पुष्पाराज)

रश्मिका मंधाना (श्रीवल्ली)

शत्रु (डीएसपी गोविंदप्पा)

अजय घोष (कौडारेड्डी)

सुनिल (मंगलम श्रीनू)

फहाद फासिल (भंवर सिंह शेखावत आईपीएस)

धनंजय (जॉली रेड्डी)

अनसूया भारद्वाज (दक्षिणायनी) 

राव रमेश (भूमिरेड्डी सिद्दप्पा नायडू)

मालविका वेल्स (अनु)

हरीश उथमन 

शत्रु 

वेनेला किशोर 

श्रीतेजल 

माइम गोपी

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